70वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारत दुनिया को स्वतंत्रता संग्राम, गांधी, अहिंसा, सत्याग्रह, संस्कृति और इतिहास से रूबरू कराएगा। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की थीम के तहत राजपथ पर राज्य झांकियों के माध्यम से अपनी समृद्ध विरासत, पारंपरिक धरोहर के साथ-साथ बापू से जुड़े अनछुए पहलू दर्शाएंगे। हर झांकी में बापू अलग-अलग रंगों में देश और दुनिया को सत्य, अहिंसा, स्वच्छता, शांति, एकता का पाठ पढ़ाते नजर आएंगे।
गोवा की झांकी में अनेकता में एकता, गुजरात की झांकी में ऐतिहासिक दांडी मार्च, सिक्किम की झांकी में कृषि के माध्यम से पर्यावरण व अहिंसा का रास्ता, त्रिपुरा की झांकी में गांधीवादी से ग्रामीण विकास को रफ्तार, कृषि मंत्रालय की झांकी में किसान गांधी, सीआईएसएसफ की झांकी में देश की सुरक्षा, ऊर्जा मंत्रालय की सौभाग्य झांकी में बदलते भारत में रौशन भारत की झलक, रेल मंत्रालय की झांकी में मोहन से महात्मा को दिखाया जाएगा।
जम्मू कश्मीर : अनेकता में एकता, शांति व अहिंसा का संदेश
जम्मू कश्मीर की झांकी में दर्शकों को बापू के अनेकता में एकता, शांति, अहिंसा का संदेश मिलेगा। आतंकवाद के चलते गोलीबारी का दर्द सह रहे अशांत प्रदेश के नागरिक शांति का संदेश देंगे। जम्मू-कश्मीर विभिन्न संस्कृतियों का संगम है। यही विभिन्नता में एकता झांकी में दिखेगी। बंटवारे के दौरान जब देश सांप्रदायिक हिंसा में जल रहा था तो बापू को कश्मीर में आशा की किरण दिखी थी। 1947 में बापू ने कश्मीर का दौरा किया और लोगों को शांति व एकता का संदेश दिया। झांकी के माध्यम से लद्दाख के मठ, कश्मीर की मस्जिद व जम्मू के मंदिरों की सांझी झलक दिखाई जाएगी। प्रदेशवासी शांति, प्रगति व विकास के संपूर्ण सामंजस्य को दिखाएंगे। दर्शकों को पारंपरिक संस्कृति, भाईचारा, खान-पान, रहन-सहन भी दिखेगा
गोवा की झांकी में अनेकता में एकता, गुजरात की झांकी में ऐतिहासिक दांडी मार्च, सिक्किम की झांकी में कृषि के माध्यम से पर्यावरण व अहिंसा का रास्ता, त्रिपुरा की झांकी में गांधीवादी से ग्रामीण विकास को रफ्तार, कृषि मंत्रालय की झांकी में किसान गांधी, सीआईएसएसफ की झांकी में देश की सुरक्षा, ऊर्जा मंत्रालय की सौभाग्य झांकी में बदलते भारत में रौशन भारत की झलक, रेल मंत्रालय की झांकी में मोहन से महात्मा को दिखाया जाएगा।
जम्मू कश्मीर : अनेकता में एकता, शांति व अहिंसा का संदेश
जम्मू कश्मीर की झांकी में दर्शकों को बापू के अनेकता में एकता, शांति, अहिंसा का संदेश मिलेगा। आतंकवाद के चलते गोलीबारी का दर्द सह रहे अशांत प्रदेश के नागरिक शांति का संदेश देंगे। जम्मू-कश्मीर विभिन्न संस्कृतियों का संगम है। यही विभिन्नता में एकता झांकी में दिखेगी। बंटवारे के दौरान जब देश सांप्रदायिक हिंसा में जल रहा था तो बापू को कश्मीर में आशा की किरण दिखी थी। 1947 में बापू ने कश्मीर का दौरा किया और लोगों को शांति व एकता का संदेश दिया। झांकी के माध्यम से लद्दाख के मठ, कश्मीर की मस्जिद व जम्मू के मंदिरों की सांझी झलक दिखाई जाएगी। प्रदेशवासी शांति, प्रगति व विकास के संपूर्ण सामंजस्य को दिखाएंगे। दर्शकों को पारंपरिक संस्कृति, भाईचारा, खान-पान, रहन-सहन भी दिखेगा
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