सौ रुपये के नए नोट से भारत के सबसे ऊंचे तथा विश्व में तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कंचनजंघा की फोटो को हटाने को कांग्रेस ने सिक्किमवासियों ने अपना अपमान बताया है। यह इसे चुनाव में भुनाने के प्रयास में है। नए नोटों पर गुजरात के पाटन जिले में स्थित रानी की वॉव की तस्वीर है। यह एक पुरानी बावड़ी है। इसके माध्यम से आरबीआइ ने भारत की धरोहर को दिखाने का प्रयास किया है। यह कांग्रेस को पसंद नहीं आई है।
सिक्किम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भरत बसनेत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सिक्किम के लोगों के लिए कंचनजंघा पर्वत अति पवित्र माना जाता है। ईष्ट देवता के रूप में इसकी पूजा करने की परंपरा भी है। भारत में सबसे ऊंचा शिखर होने के नाते यह राष्ट्र का गौरव भी है। केंद्र सरकार के इशारे पर इस तरह नोट से तस्वीर हटाना कंचनजंघा के अस्तित्व को घात पहुंचाया गया है। इसके कारण से सिक्किम के लोगों में काफी आक्रोश है। यह सिक्किम के लोगों के लिए एक बड़े अपमान के समान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में कंचनजंघा की छवि नोट पर छपी थी। हालांकि इस तरह के अपमान के बावजूद राज्य सरकार में सत्ताधारी पार्टी एसडीएफ मौन बनी हुई है। अन्य आंचलिक दलों व विपक्षी दलों ने भी इस निर्णय का विरोध नहीं किया।
सिक्किम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भरत बसनेत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सिक्किम के लोगों के लिए कंचनजंघा पर्वत अति पवित्र माना जाता है। ईष्ट देवता के रूप में इसकी पूजा करने की परंपरा भी है। भारत में सबसे ऊंचा शिखर होने के नाते यह राष्ट्र का गौरव भी है। केंद्र सरकार के इशारे पर इस तरह नोट से तस्वीर हटाना कंचनजंघा के अस्तित्व को घात पहुंचाया गया है। इसके कारण से सिक्किम के लोगों में काफी आक्रोश है। यह सिक्किम के लोगों के लिए एक बड़े अपमान के समान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में कंचनजंघा की छवि नोट पर छपी थी। हालांकि इस तरह के अपमान के बावजूद राज्य सरकार में सत्ताधारी पार्टी एसडीएफ मौन बनी हुई है। अन्य आंचलिक दलों व विपक्षी दलों ने भी इस निर्णय का विरोध नहीं किया।
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